15-15 घंटे प्रेस कान्फ्रेंस


विजय शंकर पांडेय 


राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के पास फुर्सत कहां होती है? उनका एक एक मिनट कीमती होता है। मगर दुनिया में ऐसे ऐसे खलिहर राष्ट्राध्यक्ष हैं कि 15-15 घंटे प्रेस कान्फ्रेंस कर रहे हैं। 


ऐसी हरकतों की "कड़ी निंदा" की जानी चाहिए।



दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों में आजकल एक नया खेल चल रहा है—प्रेस कॉन्फ्रेंस मैराथन! पहले बेलारूस के लुकाशेंको ने सात घंटे तक माइक थामकर रिकॉर्ड बनाया, फिर यूक्रेन के जेलेंस्की ने 14 घंटे की बैटरी चार्ज कर सबको चौंकाया। अब मालदीव के मुइज्जू ने 15 घंटे का विश्व रिकॉर्ड बनाकर माइक को भी थका दिया! ये लोग देश चला रहे हैं या प्रेस वालों को मुफ्त कॉफी पिला रहे हैं? 


सोचिए, 15 घंटे तक बोलने का मतलब है—सवाल खत्म, जवाब खत्म, फिर भी माइक नहीं छूटता। 


मुइज्जू शायद सोचते होंगे, "समुद्र में मालदीव डूबे न डूबे, मेरी आवाज तो गूंजनी चाहिए!" उधर पत्रकार बेचारे पेन डाउन, आंखें डाउन, बस नींद के सपनों में डूबे होंगे। 


राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री का वक्त कीमती होता है, पर ये तो माइक को पार्ट-टाइम नौकरी दे रहे हैं! ऐसी हरकतें देश चलाने से ज्यादा यूट्यूब रिकॉर्ड बनाने का शौक लगती हैं। 


15-15 घंटे प्रेस कॉन्फ्रेंस का सटीक जवाब है 18-18 घंटे काम। दम है तो इस रिकार्ड को तोड़ कर दिखाएं। 


अब अगला नंबर किसका? कोई 24 घंटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा, तो लाइव स्ट्रीमिंग के साथ पॉपकॉर्न तैयार रखिए!

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