जहां शांति दिखती नहीं, पर तालियां बहुत बजती हैं!😎

 विजय शंकर पांडेय 





आप चाहें तो इसे यूं भी कह सकते हैं कि नोबेल शांति पुरस्कार अब “ग्लोबल कॉमेडी शो” बन चुका है — जहां शांति नहीं, उसकी पीआर स्ट्रेटजी बिकती है। शुरू से ही यह तमाशा रहा है - 1906 में थियोडोर रूज़वेल्ट को मिला, क्योंकि उन्होंने युद्ध “बंद” रुकवाया, पर पहले “चालू” तो वही करवाते थे! वे कहा करते थे, “मैं शांति से प्यार करता हूं, पर डंडा हमेशा साथ रखता हूं।” अर्थात शांति के नाम पर साम्राज्यवाद का जश्न था।


फिर 1973 में आए हेनरी किसिंजर — वियतनाम में “शांति स्थापित” की, और अगले दिन बम बरस गए। पुरस्कार मिलते ही युद्ध ऐसा लौटा जैसे छुट्टी खत्म होते ही बॉस ऑफिस में। किसिंजर बोले, “मैं शांति का ब्रोकर हूं!” हां, मगर कमीशन गोली-बम में लेते थे। सह-विजेता ले दुक थो ने तो पुरस्कार ही लौटा दिया, बोले—"शांति कहां आई?" अर्थात पुरस्कार मिला तो युद्ध बढ़ा, जैसे शुभकामनाओं का कार्ड भेजकर बम गिराना।


1994 में तीन-तीन लोगों को मिला — यासिर अराफात, शिमोन पेरेस और इत्जाक राबिन को ओस्लो समझौते के लिए। तीनों ने शांति का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया, फिर गारंटी कार्ड खो गया। राबिन मारे गए, अराफात नाराज़, और पेरेस कन्फ्यूज़ — “भाई, अब ट्रॉफी कौन रखे?” जाहिर है शांति का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया, लेकिन हनीमून ही कैंसल हो गया।


बराक ओबामा को 2009 में बस पद संभालते ही उम्मीदों पर दे दिया — “आप अच्छे लगते हैं, लीजिए अवॉर्ड।” ओबामा ने स्वीकार भाषण में खुद कहा, "यह विडंबना है।" फिर ड्रोन चले, लोग भागे, अफगानिस्तान युद्ध लंबा खींचा, शांति मुस्कुरा कर गायब हो गई। सही कहा, जैसे शाकाहारी को बर्गर का अवॉर्ड देना। 




और अब 2025 की नायिका — मारिया कोरीना मचाडो! लोकतंत्र के लिए लड़ीं, इसलिए मिला। मचाडो ने ट्रंप को समर्पित कर दिया अपना नोबेल शांति पुरस्कार। मगर 76 प्रतिशत अमेरिकियों का भी कहना है कि ट्रम्प नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार नहीं हैं। अधिकांश अमेरिकियों का यह भी कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा 2009 में यह पुरस्कार जीतने के हकदार नहीं थे।


अल्फ्रेड नोबेल खुद डायनामाइट के आविष्कारक थे—"मौत के व्यापारी" कहलाए, तो पुरस्कार बनाए। विडंबना का चरम था, युद्ध के पैसे से शांति खरीदना! नोबेल तो बस एक जोक है—हंसो, सोचो, और अगली बार मत उम्मीद करना।


शांति प्रेमी हम हिंदी वाले इसीलिए इसे चिमटे से भी छूना पसंद नहीं करते😄😄😄


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