दुनिया को लोकतंत्र सिखाने वाले खुद अब छुट्टी पर! 😜

 विजय शंकर पांडेय 




अमेरिका में शटडाउन शुरू हो गया है। सरकारी दफ्तरों के ताले पड़ गए, लेकिन ताले की चाबी खोजने लायक भी “बजट” नहीं मिला। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स ने तय कर लिया है कि लड़ाई संसद में नहीं, जनता की जेब में होगी।


साढ़े सात लाख कर्मचारी घर बैठेंगेघर वाले खुश – अब डैडी पूरे टाइम बच्चों को स्कूल छोड़ेंगे, मम्मी को खरीदारी में मदद करेंगे। लेकिन दिक्कत ये है कि बिना सैलरी छुट्टी पर भेजा गया आदमी न तो घर का खर्च उठा सकता है, न बीवी की मुस्कान। यानी, ये छुट्टी हनीमून नहीं, बल्कि "मनी-लेस मून" है।



शिक्षा विभाग बंद, यानी बच्चों को अब पढ़ाई के नाम पर नेटफ्लिक्स और टिकटॉक ही पढ़ना पड़ेगा। एफबीआई, सीआईए चालू रहेंगे – वरना आतंकवादी भी आराम करने निकल पड़ते। डाक सेवा भी चलती रहेगी, ताकि बेरोजगार कर्मचारियों को "नो पे स्लिप" समय पर मिल सके।


अमेरिका के नेता एक-दूसरे पर दोष डाल रहे हैं। ट्रंप कहते हैं – "ये मेरी दीवार की वजह से नहीं है।" डेमोक्रेट्स कहते हैं – "ये दीवार की ही वजह से है।" और जनता सोच रही है – “क्यों न व्हाइट हाउस को ही किराए पर दे दिया जाए, #Airbnb पर अच्छा रेट मिल जाएगा।”


#वाह_री_महाशक्ति!


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