30 महीने में 25 बच्चे और 5 नसबंदी!

व्यंग्य 

विजय शंकर पांडेय 

आगरा, वो शहर जो ताजमहल के लिए मशहूर है, अब एक नए चमत्कार की वजह से सुर्खियों में है। फतेहाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) ने मेडिकल साइंस को ठेंगा दिखाते हुए एक ऐसी महिला का रिकॉर्ड बनाया है, जो 30 महीने में 25 बार मां बनी और उसी दौरान 5 बार उसकी नसबंदी भी हो गई। सुनने में लग रहा है ना कि जैसे कोई साइंस-फिक्शन फिल्म का प्लॉट हो? लेकिन चौंकिए मत, क्योंकि ये सच नहीं है—ये बस हमारे सिस्टम का एक और नायाब नमूना है, जहां कागजों पर सब कुछ मुमकिन है।



तो हुआ ये कि जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना के तहत कुछ "जागरूक" लोगों ने सोचा कि क्यों न सरकारी खजाने को थोड़ा हल्का किया जाए। अब इसके लिए चाहिए थी एक सुपरवुमन, जो हर महीने बच्चे पैदा करे और साथ में नसबंदी भी करवा ले। और देखिए, फतेहाबाद CHC ने ऐसा करिश्मा कर दिखाया कि मेडिकल किताबें शरमा जाएं। एक महिला, जिसका नाम शायद कागजों में भी बदलता रहा होगा, 30 महीने में 25 बच्चों की मां बन गई। यानी हर 36 दिन में एक बच्चा! ऑक्टोमॉम को भी पीछे छोड़ दिया इस बहादुर महिला ने। और ऊपर से नसबंदी? वो तो बस बोनस था—5 बार, ताकि हर बार प्रोत्साहन राशि का चेक काटा जा सके।


अब सोचिए, इस महिला का घर कैसा होगा? 25 बच्चों का शोर, डायपर का ढेर, और हर बार नसबंदी के बाद डॉक्टर का वही पुराना डायलॉग, "अब तो हो गया, बहनजी!" लेकिन बहनजी का जज्बा देखिए, वो फिर से तैयार। सच में, अगर ये सच होता तो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स वाले आगरा के चक्कर काट रहे होते। पर अफसोस, ये सब कागजों का खेल है। असल में न बच्चे हैं, न नसबंदी हुई, बस कुछ लोगों की जेबें भरी गईं और सरकारी फंड की मिठाई बंटी।


जननी सुरक्षा योजना का मकसद था मातृ मृत्यु दर कम करना, लेकिन लगता है फतेहाबाद में इसे "मातृ उत्पादन दर" बढ़ाने का टूल समझ लिया गया। और नसबंदी प्रोत्साहन योजना? वो तो प्रोत्साहन का ऐसा रास्ता बन गई कि लोग बार-बार "ऑपरेशन" करवाने को तैयार हो गए—बिना ऑपरेशन के! डॉक्टर साहब भी सोचते होंगे, "क्यों न एक ही महिला को बार-बार ऑपरेट करें? इससे स्टैटिस्टिक्स भी अच्छे दिखेंगे और मेहनत भी कम लगेगी।" ऊपर से महिला भी खुश, क्योंकि हर बार नकद इनाम जो मिल रहा था।


लेकिन सवाल ये है कि क्या कोई इस घोटाले की जांच करेगा? शायद नहीं। क्योंकि हमारे सिस्टम में कागजों पर सब ठीक है—25 बच्चे पैदा हुए, 5 नसबंदी हुईं, पैसा बंटा, और सब खुश। जांच होगी तो पता चलेगा कि वो महिला शायद कभी CHC गई ही नहीं। या शायद वो कोई सुपरह्यूमन थी, जो अब गायब हो चुकी है। वैसे भी, ताजमहल के शहर में एक और चमत्कार की कहानी तो बनती है। बस इस बार शाहजहां की जगह सरकारी बाबू थे, और संगमरमर की जगह कागजों का ताज बना।


तो अगली बार जब आप आगरा जाएं, ताजमहल देखने के साथ फतेहाबाद CHC भी घूम आइए। शायद वहां कोई नया रिकॉर्ड बन रहा हो—30 महीने में 50 बच्चे और 10 नसबंदी! कौन जानता है, भारत का सिस्टम चमत्कारों से भरा जो है।

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