विजय शंकर पांडेय
बेंगलुरु के सीईओ आशीष गुप्ता को फ्री में मशविरा। नई पीढ़ी को परखने के लिए जोड़, घटाव, गुणा, भाग वगैरह मत पूछिए। इनसे पूछिए, "24 घंटे में कितने ट्रेंडिंग हैशटैग यूज कर सकते हो?" जवाब मिलेगा— "सर, वो तो मैं आंख बंद करके बता दूं।" तो भैया, रील बनाओ, लाइक्स बटोरो, और मैथ्स को कैलकुलेटर के हवाले छोड़ दो। जिंदगी का असली हिसाब तो व्यूज और फॉलोअर्स से लगता है, न कि x+y से!
आशीष गुप्ता, ने जेन ज़ेड की पोल खोल दी है। जेन ज़ेड पीढ़ी, मतलब इंटरनेट, सोशल मीडिया, और डिजिटल टेक्नोलॉजी के साथ बड़ी हुई जमात। कहते हैं कि ये नई पीढ़ी रील बनाने में तो उस्ताद है, लेकिन 5वीं क्लास का गणित का सवाल सॉल्व करने में इनके पसीने छूट जाते हैं। लिंक्डइन पर इनकी पोस्ट वायरल हो गई, और सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है। कुछ लोग कहते हैं, "हाँ भाई, स्कूलों को अब गणित की जगह रीलमेटिक्स पढ़ाना चाहिए!" तो कुछ का कहना है, "अरे, जिंदगी का हिसाब लगाने के लिए कैलकुलेटर की क्या जरूरत?"
सच तो ये है कि जेन ज़ेड का हाल देखकर लगता है जैसे वे किसी साइंस फिक्शन फिल्म के किरदार हों—फोन हाथ में हो तो टोनी स्टार्क से कम नहीं, लेकिन बेसिक मैथ्स का सवाल सामने आए तो “जार्विस सेव मी” की गुहार लगाते नजर आते हैं। आशीष जी ने लिखा, "रील के मामले में महारत है, लेकिन गणित नहीं?" अरे भाई, ये तो वही बात हो गई कि कोई कहे, "मुझे ढोल बजाना आता है, लेकिन ताल क्या होता है, ये मत पूछो!"
अब बहस इस बात पर है कि क्या जेन ज़ेड को सचमुच मैथ्स की जरूरत है? एक तरफ लोग चिल्ला रहे हैं कि शिक्षा सिस्टम को अपडेट करो, बच्चों को डिजिटल दुनिया के लिए तैयार करो। दूसरी तरफ कुछ प्रगतिशील विचारक कहते हैं, "अरे, जब गूगल और चैट जीपीटी हैं, तो 2+2 का जवाब याद रखने की क्या जरूरत? टाइम वेस्ट करने से अच्छा है एक और स्टोरी अपलोड कर दो!" सही भी है, जिंदगी में अगर आपको कभी ये समझना पड़े कि 15% टिप कितना हुआ, तो बस वेटर से कह दो, "भाई, क्यूआरकोड स्कैन कर दे, मैं यूपीआई से हिसाब कर लूंगा।"
लेकिन मजा तब आया जब जेन ज़ेड ने पलटवार किया। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, "हमें मैथ्स नहीं आता? अरे, हम एक सेकंड में ये कैलकुलेट कर लेते हैं कि 15 सेकंड की रील में कितने कट्स डालने हैं ताकि लोग स्क्रॉल न करें।" वाह, क्या लॉजिक है! ये तो वही बात हुई कि "हमें भले ही गुणा-भाग न आए, लेकिन हमारी उंगलियाँ लाइक, शेयर और सब्सक्राइब बटन पर डांस करती हैं।" आशीष जी, आपने गलत पीढ़ी को टारगेट कर लिया। इनके लिए मैथ्स का मतलब है—मीम, अटेंशन, ट्रेंड और हसल।
फिर कुछ पुराने जमाने के लोग ताने मारते हैं, "हमारे समय में तो हम बिना कैलकुलेटर के हिसाब कर लेते थे।" अरे अंकल, आपके समय में तो घोड़ा-गाड़ी भी चलती थी, अब क्या हम ऑटो-वाला ढूंढें? वक्त बदल गया है। जेन जेड को अगर कुछ सिखाना है, तो उसे इनके स्टाइल में सिखाओ। जैसे— "अगर तुम्हारी रील को 100 लोग देखते हैं और 10% लाइक करते हैं, तो कितने लाइक्स मिलेंगे?" देखो, मैथ्स भी सीख गए और रील का गेम भी मजबूत हो गया।
25 मार्च 2025
https://www.facebook.com/share/p/15WecEGLSw/
#genz #millennials #memes #millenials #genzmemes #genx #generationz #explorepage #meme #tiktok #trending #viral #explore #millennial #milenial #instagram #youth #funny #fashion #fyp #genzhumor #dankmemes #indonesia #millenial #aesthetic #y #love #funnymemes #memesdaily #art
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.