बी. सुदर्शन रेड्डी इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार

 विजय शंकर पांडेय 




इंडिया गठबंधन ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बना दिया। अब असली मज़ा तो यही है कि कोर्ट में जिनकी "गंभीरता" झलकती थी, वो अब राजनीति के "रंगमंच" पर खड़े होंगे।



वहीं एनडीए के सीपी राधाकृष्णन मैदान में हैं, जिनके नाम में ही "राधा" और "कृष्ण" है, तो चुनावी लीला का रंग गाढ़ा होना तय है। 


ममता बनर्जी की टीएमसी ने गैर राजनीतिक नाम चुनने की वकालत की थी। ऐसे में इंडिया ब्लॉक में एकता का संदेश देने के लिए बी. सुदर्शन रेड्डी के साथ मुकाबले में उतरने का फैसला लिया है। 


बी. सुदर्शन रेड्डी 1971 को हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में रजिस्टर्ड हुए थे। उन्होंने 1988-90 के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकील के रूप में काम किया। उन्हें 2 मई, 1995 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्हें 05.12.2005 को गुवाहाटी हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था। रेड्डी गोवा के पहले लोकायुक्त रह चुके हैं। 


कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने ऐलान किया मानो रामबाण छोड़ दिया हो। लेकिन सवाल ये है कि क्या देश का उपराष्ट्रपति बनने के लिए अब योग्यता सिर्फ़ "पूर्व" होना है? पूर्व जज, पूर्व अफसर, पूर्व गवर्नर — सब "पूर्व" ही तो उम्मीदवार बनते हैं। अब जनता सोच रही है कि भाई, ये चुनाव है या रिटायरमेंट क्लब की सालाना मीटिंग?


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